⚘ ❂ वैलेंटाइन 💝 डे ❂ ⚘


🌷★الصــلوة والسلام عليك يارسول الله ﷺ★🌷

اَلۡـحَـمۡـدُ  لِـلّٰـہِ  رَبِّ  الۡـعٰـلَـمِیۡنَ    وَ الـصَّـلٰـوۃُ   وَ  الـسَّـلَامُ  عَـلٰی سَـیِّـدِ  الۡـمُـرۡ سَـلِـیۡنَ اَمَّـا بَــعۡـدُ فَـاَعُـوۡذُ   بِـا لـلّٰـہِ   مِـنَ الـشَّـیۡـطٰنِ الـرَّجِیۡمِ ؕ   بِـسۡمِ  الـلّٰـہِ  الـرَّحۡـمٰنِ الـرَّحِـیۡمِؕ

🌷📖 ✧➤ किताब पढ़ने की दुआ दीनी किताब या इस्लामी सबक़ पढ़ने से पहले ये दुआ दी गई है इसे पढ़ ले  اِنْ شَــآءَالـلّٰـه عَزَّوَجَلَّ जो कुछ पढ़ेंगे याद रहेगा दुआ ये हैं.★↷

اَللّٰهُمَّ افۡتَحۡ عَلَيۡنَا حِكۡمَتَكَ وَانۡشُرۡ عَلَيۡنَا رَحۡمَتَكَ يَـا ذَا الۡجَلَالِ وَالۡاِكۡرَام

⚘ तर्जुमा ❁☞ ए अल्लाह عَزَّوَجَلَّ! عَزَّوَجَلَّ हम पर इल्म-व-हिकमत के दरवाज़े खोल दे और हम पर अपनी रहमत नाज़िल फरमा ए अज़मत औऱ बुज़ुर्गी वाले,

*📬 अल - मुस्तातराफ़ जिल्द 1 पेज 40 📚*

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*⚘📖  ILm  NooR  Hai  GuroP  📖⚘*
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                      🕋﷽🕋

      *❥═❥ ❥~ ​​ilm e deen​​ ~❥ ❥═❥​*
   *ραιgαм є υммατє мυнαммα∂ι ﷺ*

*⚘❂•⊰  वैलेंटाइन 🤝🏻💝🤝🏻 डे ⊱•❂⚘*

*⚘❂••➤ कंज़ुल ईमान* मुसलमान मर्दों को हुक्म दो कि अपनी निगाहें कुछ नीची रखें और मुसलमान औरतों को हुक्म दो कि अपनी निगाहें कुछ नीची रखें

*📕 पारा 18,सूरह नूर,आयत 30-31*


*⚘❂ हदीस ➤* अजनबी औरत को शहवत से देखने वालों की आंख क़यामत के दिन आग से भर दी जाएगी

*📘 हिदाया,जिल्द 4,सफह 424*

*⚘❂ हदीस ➤*  जो ग़ैर औरत और मर्द एक दूसरे को देखें तो दोनों पर अल्लाह की लानत है

*📒 मिश्कात,सफह 270*

*⚘❂ हदीस ➤* हुज़ूर सल्लललाहो तआला अलैहि वसल्लम ने इरशाद फरमाया कि अगर अजनबी औरत पर नज़र पड़ जाए तो फौरन नज़र हटा लो कि पहली नज़र माफ है

*📓 अबू दाऊद,सफह 292*

*⚘❂ हदीस ➤* हुज़ूर सल्लललाहो तआला अलैहि वसल्लम ने इरशाद फरमाया कि औरत छिपाने की चीज़ है जब वो बाहर निकलती है तो शैतान उसे झांक कर देखता है

*📗 तिर्मिज़ी,जिल्द 1,सफह 140*

*⚘❂ हदीस ➤* जो औरत खुशबु लगाकर बाहर निकली तो जिसको इसकी खुशबु मिली तो ऐसा है कि जैसे उसने ज़िना कराया

*📔 निसाई,जिल्द 2,सफह 240*
*📙 तिर्मिज़ी,जिल्द 2,सफह 102*

*⚘❂ हदीस ➤* हुज़ूर सल्लललाहो तआला अलैहि वसल्लम इरशाद फरमाते हैं कि औरत के पास जाने से बचो एक सहाबी ने अर्ज़ की देवर के पास जाने में क्या हुक्म है आपने परमाया कि देवर तो मौत है

*📕 तिर्मिज़ी,जिल्द 1,सफह 140*

*⚘❂ हदीस ➤* हज़रते फातिमा ज़ुहरा रज़ियल्लाहु तआला अंहा फरमाती हैं कि औरत के लिए सबसे बेहतरीन अमल ये है कि उसे ग़ैर मर्द ना देखने पाये

*📘 फतावा रज़वियह,जिल्द 9,सफह 28*

*⚘❂ फुक़्हा ➤* हज़रत यहया अलैहिस्सलाम से लोगों ने पूछा कि ज़िना की इब्तिदा कहां से होती है आपने फरमाया आंख से

*📒 कीमियाये सआदत,सफह 498*

*⚘❂ फुक़्हा ➤* ग़ैर महरम का एक दूसरे के साथ तन्हाई इख्तियार करना और एक दूसरे को छूना गुनाहे सगीरा है लेकिन अगर इसका इंकार करता है जब तो माज़ अल्लाह काफिर है

*📓 अलमलफूज़,हिस्सा 4,सफह 31*


*⚘❂ ➤* आप सोच रहे होंगे कि मैं मुहब्बत के टॉपिक पर ये क्या बयान कर रहा हूं,तो अज़ीज़ो ये शरीयत का हुक्म है जो मैंने बयान कर दिया अब अगर कोई इन सबसे बचते हुए किसी से मोहब्बत करता है तो यक़ीनन उसको आशिक़ कहेंगे,बुज़ुर्गाने दीन फरमाते हैं कि इश्क़ मिजाज़ी इश्क़े हक़ीक़ी तक पहुंचने की सीढ़ी है इसको यूं समझिए कि जिसको उसकी मुहब्बत रब के क़रीब करदे तो मुहब्बत है और जिसको उसकी मुहब्बत रब से दूर करदे तो ये मुहब्बत नहीं बल्कि आवारापन है,अब इश्क़े मिजाज़ी यानि दुनिया वालों की मुहब्बत मसलन मां की मुहब्बत बाप की मुहब्बत बीवी की मुहब्बत बच्चों की मुहब्बत दोस्तों अज़ीज़ो रिश्तेदारों से मुहब्बत ये सब इश्क़े मिजाज़ी है और यही मुहब्बत अगर शरीयत के दायरे में रहकर की जाए तो इसी मुहब्बत को इबादत कहते हैं और इस पर मुतलकन सवाब है मसलन बीवी बच्चों से प्यार करते हैं मगर नमाज़ रोज़े और दीगर इबादतों का पूरा पूरा ख्याल रखते हैं जब तो उनसे मुहब्बत करना भी इबादत कहलायेगी लेकिन अगर शरीयत का हुक्म तोड़ते हैं मसलन उनको कमाकर खिलाने में इस क़दर मसरूफ हो गए कि ना तो नमाज़ का ख्याल रहा और दीन का पास जब तो ये मुहब्बत मुहब्बत नहीं बल्कि जहन्नम में जाने का रास्ता है,आज के इस दौर में अगर किसी चीज़ की सबसे ज़्यादा कसरत है तो वो इसी नाम निहाद मुहब्बत की है,शायद ही कोई ऐसा हो जो खाली हो वरना सब ही बिज़ी हैं और अपनी नज़र में सब ही आशिक़ हैं,एक मर्द का औरत से मुहब्बत करना ये एक फितरी बात है लेकिन शरियत के कुछ उसूल हैं और जहां तक मैं समझता हूं शायद 1 लाख में 1 भी इन उसूलों को पूरा नहीं करता,एक ग़ैर लड़की को देखना हराम उससे बात करना हराम उससे मिलना जुलना हराम जब इतना सारा हराम काम करेंगे तो मुहब्बत क्या खाक रही हां किसी पर एक नज़र पड़ गयी और उसी एक नज़र में किसी को इश्क़ हो गया तो ये जायज़ है मगर उसूल फिर भी वही कि ना तो मिल सकते हैं और ना बात कर सकते हैं छूना छाना तो बहुत दूर की बात है,शरीयत में एक आशिक़ की क्या पहचान बताई गई है पढ़ लीजिए और फिर उस पैमाने पर अपने आपको रखकर देखिये कि क्या आप आशिक़ हैं*

*⚘❂ आशिक़ ➤* मेल मिलाप से दूर रहता है
*⚘❂ आशिक़ ➤* हर वक़्त ख्यालों में डूबा रहता है
*⚘❂ आशिक़ ➤* हमेशा चुप चाप रहता है
*⚘❂ आशिक़ ➤* जब उसे देखो तो नज़र नहीं आता
*⚘❂ आशिक़ ➤* जब उससे बात करो तो बात नहीं करता
*⚘❂ आशिक़ ➤* जब उसे बुलाओ तो सुनता नहीं
*⚘❂ आशिक़ ➤* मुसीबत पर ग़मगीन नहीं होता
*⚘❂ आशिक़ ➤* भूख प्यास की परवाह नहीं करता
*⚘❂ आशिक़ ➤* दुनिया के लिए लड़ता नहीं
*⚘❂ आशिक़ ➤* हर वक़्त खुदा की बारगाह में इल्तिजायें करता है

*📗 मुक़ाशिफातुल क़ुलूब,सफह 87*

⚘❂••➤ अगर कोई इस ज़माने में ऐसा है तो वो और उसका इश्क़ दोनों सर आंखों पर और ऐसे ही आशिक़ों को शहादत का मर्तबा मिलने की रिवायात आई है,तो आज जो लोग वैलेंटाइन डे मनाते हैं क्या वो शरीयत के उसूल के मुताबिक मुहब्बत करते हैं और क्या वो सच्चे आशिक़ हैं अगर हैं तो क्यों सड़कों और बाजारों में एक दूसरे का हाथ थामे हुए बेहयाई करते नज़र आते हैं और अगर नहीं है और यक़ीनन नहीं हैं तो मान लें कि वो मुहब्बत नहीं बल्कि एक हराम काम कर रहे हैं और बिला शुबह वो लोग खुदा के मुजरिम हैं और उन्हें अपने इस आमाल से तौबा करनी होगी...✍

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 🌐 ᴊᴏɪɴ ɢʀᴏᴜᴘ            *ᴏɴʟɪʏ ʟᴀᴅɪᴇs​​*
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*​🤲"ƊƲƛƛƠƝ MЄ ƳƛƛƊ ƦƛƘHЄƝ.✍​​*
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*ɪsʟᴀʜ  sʙᴋɪ ᴋʀɴɪ ʜᴀɪ ɪɴ sʜᴀᴀ  ᴀʟʟᴀʜ*


_*🕋 ⚘ мαιiκo  мoια  κi  βααяgαн - Ё - Aαιiγα  мαi  Dυα  нαi  мαιiκo  мoια  нαмε  κεнηε, Sυηηε, ραdнηε, ιiκнηε,  βoιηε  Sε  Ziγαdα  Aмαι  κi  τofεεq - Ё - яαfεεq  Aτα   Fαямαγε.*_

              ⚘ امين  يارب العالمين ⚘

                       _*ταιiβ-Ё-Dυα*_
          _*мαяноомα ƒαƭเɱα βεgαм*_
       *_мαянοοм мυнαммα∂ ѕι∂∂ιգ_*
          *_Tαɱαɱ ααLαɱ ε αrωααɦ_*



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